क्योंकि रेलवे को डर घर पहुंचने की जल्दी में अलग-अलग शहरों में फंसे यात्रियों की एक साथ उमड़ सकती है भीड़

लॉकडाउन के बाद 15 अप्रैल से ट्रेनों और फ्लाइट्स का संचालन शुरू होगा या नहीं इस पर ना तो रेलवे बोर्ड और ना ही डीजीसीए फिलहाल कोई अंतिम निर्णय ले पाया है। सोशल मीडिया पर लगातार चल रही ट्रेनों और फ्लाइट्स की बहाली की खबर पर जोनल रेलवे और विमानन कंपनियां खुद ही असमंजस में हैं क्योंकि उन्हें भी अपने-अपने मंत्रालयों से ट्रेनों और फ्लाइट्स के ऑपरेशन को लेकर अंतिम निर्णय का इंतजार है, जो 11 से 14 अप्रैल के बीच लिया जाना है।


रेलवे बोर्ड ने इस बीच आधिकारिक रूप से आखिरी निर्णय आने तक लोगों से धैर्य रखने की भी अपील की है। हालांकि बोर्ड पिछले एक हफ्ते से सभी जोनल रेलवेज से ट्रेनों के संचालन को लेकर विचार-विमर्श कर रहा है। अगर बोर्ड से कोई आदेश जारी नहीं हुआ और लॉकडाउन की अवधि भी नहीं बढ़ाई गई, तो सभी ट्रेनों का संचालन 14 अप्रैल की रात 12 बजे से सामान्य हो जाएगा। ऐसे में अब जोनल रेलवेज को बोर्ड के उस निर्देश का इंतजार है, जिसमें वह किन-किन ट्रेनों को चलाने और नहीं चलाने का निर्देश जारी करेगा।


जयपुर से जुड़ी 125 ट्रेनों में 60 फीसदी बुकिंग, सबसे अधिक स्लीपर में बुकिंग
रेलवे के अनुसार जयपुर से शुरू होने वाली करीब 35 और बाईपास होकर गुजरने वाली करीब 90 ट्रेनों में 60 फीसदी बुकिंग हो गई है। ये बुकिंग मई और जून माह के लिए हुई है। हालांकि पीक सीजन को देखते हुए यह बहुत कम है क्योंकि मई-जून के बीच जहां ट्रेनों में वेटिंग टिकट उपलब्ध नहीं होता वहां अभी तक भी 40 फीसदी सीट खाली है। वहीं इस बार लोग एसी कोच की बजाय स्लीपर में सफर करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बुक हुई कुल सीट में करीब 40 फीसदी सीटें स्लीपर क्लास में बुक हुई हैं।


भीड़ बन सकती है बड़ी चुनौती, इसलिए 6 बर्थ के केबिन में 4 सीट देने पर विचार : रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर 15 तारीख को ट्रेन चलती भी हैं तो हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती भयंकर भीड़ की होगी। यह भीड़ अनियंत्रित हो सकती है क्योंकि लोग लगातार लॉकडाउन से जहां के तहां फंसे हुए हैं।


ट्रेन शुरू होते ही सबसे पहले अपने अपने घरों का रुख करेंगे। ऐसे में लोगों में संक्रमण कम-कम से हो इसके लिए रेलवे 6 बर्थ के केबिन में 4 बर्थ ही अलॉट किए जाने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा जनरल कोच में भी यात्रियों की संख्या निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है। इसे देखते हुए रेलवे हर स्टेशन पर जनरल टिकट बांटने का कोटा निर्धारित कर सकता है। स्टेशन पर ट्रेन के प्रत्येक कोच पर आरपीएफ को तैनात किया जाएगा जो यात्रियों को एक निश्चित संख्या और दूरी पर बैठाएंगे। ऐसे में इन सभी बिंदुओं पर बोर्ड 11 से 14 अप्रैल के बीच बैठक कर अंतिम निर्णय लेगा।


बॉडी टैम्परेचर की भी जांच होगी
रेलवे ट्रेन के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यात्रियों के बॉडी टैम्परेचर की भी जांच करेगा। इसके लिए टीटीई को इंफ्रारेड थर्मामीटर दिया जाएगा। रेगुलर ट्रेनों में भीड़ कम करने के लिए रेलवे स्पेशल ट्रेनें भी चलाएगा ताकि लॉक डाउन के चलते दूसरे शहरों में फंसे लोग घर वापसी कर सकें। इसके अलावा रेलवे यात्री से टिकट बुकिंग के दौरान यात्रा करने की वजह पूछे जाने पर भी विचार कर रहा है।


रेलवे बोर्ड के निर्देशों की पालना करेंगे


ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय बोर्ड स्तर पर लिया जाएगा। बोर्ड द्वारा 14 अप्रैल तक ट्रेनों के संचालन से जुड़ा निर्देश जारी किया जाएगा। ऐसे में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी संभव बदलाव और इंतजाम ट्रेनों में किए जाएंगे। - अभय शर्मा, सीपीआरओ, उत्तर पश्चिम रेलवे


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