बाल्कनी से संगीत की धुनें, खिड़कियों से तालियों की गड़गड़ाहट और फिर पड़ोस के अपार्टमेंट से एक साथ कोई गीत गुनगुनाने की आवाज... इटली में यह नजारा इन दिनों आम हो चुका है। कोरोनावायरस से फैले डर के बीच मनोबल बढ़ाने के लिए लोग इस तरह के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। यहां गीत-संगीत के बीच एक और धुन बड़ी कॉमन हो गई है और वो है एंबुलेंस की आवाज। पिछले कुछ सप्ताह से इटली के प्रमुख शहरों की गलियों में यह आवाज सबसे ज्यादा सुनी जा रही है।

इटली में कोरोनावायरस के अब तक 27,980 मामले सामने आए हैं। 2,158 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां रोम से लेकर नेपल्स और वेनिस से लेकर फ्लोरेंस तक लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। छोटी-बड़ी सभी दुकानें बंद हैं। सरकारी आदेश के बाद सार्वजनिक स्थानों को भी बंद कर दिया गया है। लोगों को भी घर से बाहर निकलने की मनाही है। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलने की छूट दी जा रही है। सरकार की इस सख्ती के बावजूद इटली में कोरोना के मामले हर दिन बढ़ रहे हैं, लेकिन एक अच्छी खबर है कि इटली के जिस कोडोग्नो शहर में इसके संक्रमण की शुरुआत हुई थी, वहां अब हालात काबू में हैं। कोडोग्नो पहला शहर था, जिसे लॉक डाउन किया गया था। दो सप्ताह से यहां कोई नया मामला नहीं आया है।

सरकार के फैसले: 3 अप्रैल तक सब बंद, जहां काम बेहद जरूरी वहां सभी सुरक्षा उपाय अपनाने अनिवार्य
प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे पूरे इटली में लॉक डाउन की घोषणा कर चुके हैं। ट्रैवल पर भी पाबंदी है। बेहद जरूरी या स्वास्थ्य से जुड़े काम के लिए ही ट्रैवल की अनुमति है। 3 अप्रैल तक दुकानें, बार, पब, रेस्टोरेंट, हेयर ड्रेसर, ब्यूटी सेंटर, होटल और कैंटीन जैसी सभी सुविधाओं को बंद कर दिया गया है। कंपनियों ने कर्मचारियों से वर्कफ्राम होम करवा रही है। स्टॉफ को पेड लीव लेने के लिए भी कहा जा रहा है। बेहद जरूरी चीजें बनाने वाले प्लांट में ही काम चल रहा है, वह भी पूरी सुरक्षा और सतर्कता के साथ।

गैरजरूरी हर प्लांट और कार्पोरेट सेक्टर बंद कर दिए गए हैं। स्कूलों और यूनिवर्सिटीज में क्लासेस सस्पेंड हैं। छात्र घर से ही ऑनलाइन क्लासेस के जरिए पढ़ाई कर रहे हैं। फुटबॉल लीग भी सस्पेंड हो चुकी है। टेलीविजन चैनल अपने प्रोग्राम के तरीकों में बदलाव ला रहे हैं, ताकि घर में बंद लाखों लोगों को बोरियत से निजात दिला सकें।
बोरियत से बचने का तरीका: सोशल नेटवर्क ही बातचीत का जरिया, सेलिब्रिटिज इसके जरिए सहायता राशि भी जुटा रहे
लोग सोशल नेटवर्किंग के जरिए ही एक-दूसरे से ज्यादा से ज्यादा बातचीत कर हैं। वीडियो कॉल पर भी बातें और हंसी-मजाक हो रहे हैं। फेमस सिंगर इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घर से लाइव कंसर्ट कर रहे हैं, ताकि घर में बैठे लोगों का खुश होने और डर को भूलने का मौका दे सकें। इसके साथ ही चैरिटी प्रोग्राम भी चल रहे हैं। फेमस फैशन ब्लॉगर शीरा फर्रानी ने अपने पार्टनर और फेमस सिंगर फेडेज के साथ मिलकर मिलान के सेंट राफेल हॉस्पिटल के लिए धन जुटाने के लिए चैरिटी शुरू की। कुछ ही घंटो में उनके लाखों फॉलोअर्स ने 3 मिलियन यूरो दान कर दिए। इसी तरह, फैशन डिजाइनर जार्जियो अरमानी ने 1.25 मिलियन यूरो चार हॉस्पिटल और सिविल प्रोटेक्शन सर्विस को दान किए हैं।


अस्पतालों का हाल: इंटेंसिव केयर यूनिट में ज्यादातर मरीज बुजुर्ग हैं, यहां भर्ती लोगों की औसत उम्र 80.3 साल
इटली में जनसंख्या की औसत उम्र 46.3 साल है। यह जापान के बाद दुनिया का सबसे वृद्ध देश है। यहां उम्रदराज लोगों के ज्यादा होने के कारण भी कोरोनावायरस का असर ज्यादा है। इटैलियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्यक्ष सिलवियो ब्रुसाफेरो कहते हैं, 'इंटेंसिव केयर यूनिट(आईसीयू) में भर्ती लोगों की औसत उम्र 80.3 साल है। ऐसे कुल मरीजों में 25.8% महिलाएं हैं। 70 साल से ज्यादा उम्र के लोग इस बीमारी के ज्यादा शिकार हो रहे हैं, खासकर 80 से 89 साल की उम्र के बुजुर्ग।आईसीयू में रखे गए ज्यादातर मरीज पहले से कम से कम एक पुरानी बीमारी से पीड़ित रहे हैं। जिन लोगों की मौत हुई हैं, उनमें 46 से 47% ऐसे थे, जो 2 से 3 बीमारियों से पीड़ित थे।'

विशेषज्ञों की बात: स्टडी के मुताबिक मामले ऐसे ही बढ़ते गए तो 4000 इंटेंसिव केयर बेड की जरूरत पड़ेगी
इटली में इस वक्त 4000 संक्रमित मरीज इंटेंसिव केयर यूनिट्स में रखे गए हैं। मेडिकल जर्नल 'द लॉन्सेट' में मिलान के मारियो नेग्री इंस्टिट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ बरगामो की एक स्टडी के मुताबिक, 'अगर इटली में इसी तरह संक्रमण फैलता गया तो अगले कुछ दिनों में 30 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ सकते हैं।' इसमें 15 अप्रैल तक हजारों की संख्या में नए इंटेंसिव और सब-इंटेसिंव केयर यूनिट तैयार करने की जरूरत भी बताई गई है। स्टडी के ऑथर आंद्रिया रमूजी और ग्यूसैपी रेमूजी का कहना है कि, 'कोरोनावायरस के 10% मामलों में मरीजों को इंटेंसिव केयर की जरूरत होगी। जब महामारी अपने चरम पर होगी, तब 4000 इंटेंसिव केयर बेड की जरूरत पड़ सकती है और ऐसी स्थिति अगले 4 हफ्तों में बन सकती है।'

देश का हाल: इटली के उत्तरी इलाके में ज्यादा मामले सामने आए, अब दक्षिणी इलाकों में भी यह फैल रहा
इटली का उत्तरी क्षेत्र में महामारी से बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां लोम्बार्डी प्रांत में 9820 मामले, क्रिमोना में 1344 और वेनेटो इलाके में 1937 मामले सामने आए। इटली के उत्तरी क्षेत्र के मुकाबले दक्षिणी क्षेत्र में इस महामारी का प्रभाव अब तक कम रहा है। सिविल प्रोटेक्शन डेटा के मुताबिक नेपल्स के केंपानिया इलाके में 220 केस, सिसली में 130, पुगलिया में 129, अबरुजो में 89, मोलिसी में 17, सार्दिनिया में 42, बार्सिलिकाटा में 10 और कैलाब्रिया में 38 मामले सामने आए हैं। हालांकि अब इन क्षेत्रों में भी हर घंटे नए मामले सामने आ रहे हैं। ब्रुसाफेरो बताते हैं, 'दक्षिणी इलाकों में समुद्र तट, स्की रिसॉर्ट और बार्स में अब भी भीड़ दिखती है। यहां वायरस आसानी से फैल सकता है। यहां आ रहे लोगों में अगले कुछ दिनों में कोरोनावायरस के लक्षण दिखना शुरू हो सकते हैं।'


अर्थव्यवस्था पर असर: अनुमानित जीडीपी ग्रोथ में 0.4 पॉइंट की कमी आ सकती है, सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन को
सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों से इटली की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ा है। पर्यटन और निर्यात के क्षेत्र में बड़े नुकसान की संभावना है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की जीडीपी ग्रोथ 0.2% से घटकर 0% पर आ सकती है। नवंबर में अनुमानित जीडीपी ग्रोथ में 0.4 पॉइंट की कमी हो सकती है। हालांकि आर्थिक मामलों पर नजर रखने वाली एक सरकारी संस्था के मुताबिक 2021 में जीडीपी ग्रोथ 0.5% पहुंच जाएगी। इस संस्था के मुताबिक महज इटली नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था खतरे में है। 2007 के बाद यह वायरस दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। इस स्थिति से निपटने के लिए भी सरकार ने यहां आपातकाल के लिए 25 अरब डॉलर का प्रावधान किया है।
